मुंहबोली भानजी को बेदर्दी से पेला

 मुंहबोली भानजी को बेदर्दी से पेला



 मेरे पड़ोस में रहने वाली लड़की जो मुझे मामा कहती थी, मेरे पीछे पड़ गयी और मुझसे चिड़िया और पिछवाड़ा पेलवा कर मानी.


दोस्तो, मेरा नाम राहुल है. मैं गुजरात का रहने वाला हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 4 इंच है.

यह कहानी दो साल पुरानी है.


मेरे पड़ोस में एक कपल रहता था. तब मैं छोटा था. उस वक्त उस कपल को एक लड़की हुई. उसका नेम सेजल रखा गया. मैं उसे गोद में खिलाता.

उसकी मां ने मुझे भाई बनाया था, इस लिए उसकी बेटी मेरी भानजी हो गई थी. हम पास पास ही रहते थे.


सेजल मेरी गोदी में खेलती हुई बड़ी होने लगी. फिर समय बदला. मैं पढ़ाई के लिए शहर चला गया.

धीरे धीरे साल बीतते गए और सेजल बड़ी होती गई.


मैं अब 25 साल का हो गया था.

मैं सेजल से छह साल बड़ा था. वो उन्नीस साल की भरपूर जवान हो गई थी.


अब मेरी जॉब लगने वाली थी. एक गांव में नौकरी लग जाने के कारण मैं उधर ही रहने लगा था.


मैं शहर से उसके लिए कपड़े भी लाया करता.

वो मुझे मामा कहा करती.


एक दिन मेरे व्हाट्सएप में उसने किस करने वाला इमोजी भेजा.

मैंने पूछा- ये क्या है?

उसने आई लव यू लिखा.

मैं चौंक गया कि ये क्या लिख रही है.


फिर जब मैं उससे मिला, तो मैंने उससे कहा- ये सब क्या लिखा था तुमने?

वो बिंदास बोली- मुझे आप अच्छे लगते हैं.


मैंने कहा- मैं तुम्हारा मामा हूँ!

वो बोली- हां मालूम है कि मामा हो … लेकिन सगे नहीं हो.


मैंने उसको बहुत समझाया लेकिन वो नहीं मानी और मुझसे कहने लगी- मैं मर जाऊंगी … लेकिन सिर्फ आपसे ही प्यार करती हूँ और करती रहूँगी.

तब मैंने सोचा कि ये अभी जवानी के जोश में है, अभी इसकी समझ में कुछ नहीं आएगा; बाद मैं समझाऊंगा.


मैं उसके पास से चला गया.

वह मुझे लगातार फोन पर लव लव लिखने लगी और मुझे अडल्ट जोक भी भेजने लगी.


मैंने उसे ब्लॉक कर देने की बात भी कही तो उसने उसी वक्त लिख दिया- यदि आपने ऐसा किया, तो मुझे मरा हुआ पाओगे.

अब मैं उसे ब्लॉक भी नहीं कर सकता था.


हालत ये हो गई थी कि वो जब भी मुझसे मिलती, मुझको लाइन मारती.


फिर मेरी जॉब लग चुकी थी, इसलिए मैं दूसरे शहर चला गया.

अब हमारी बात सिर्फ व्हाट्सएप पर होती थी.


चार महीने निकल गए थे.

एक दिन उसके पापा का कॉल आया कि सेजल की परीक्षा है और मैं उसके साथ नहीं आ पा रहा हूँ क्योंकि मुझको बहुत ज्यादा काम है. इसलिए सेजल को तुम्हारे साथ रुकने भेज रहा हूँ. उसे तुम्हारे रूम 15 दिन रहना है, तुम उसका ख्याल रखना.


मैंने मना किया कि मेरा रूम ऐसा है कि सेजल यहां नहीं रह पाएगी, उसको किसी होटल या किसी और जगह रुकने के लिए बोलो.

लेकिन उसी समय सेजल जो कि अपने पापा के साथ ही थी, ने कहा- अरे मामा, मैं आपके साथ नहीं रहूँगी तो किसके साथ रहूँगी?


उसके पापा ने भी मुझसे बहुत आग्रह किया तो मैं मना नहीं कर पाया.


सेजल के पापा उसको छोड़ने आए और बस छोड़ कर जल्दी जल्दी कुछ बात किए बिना ही वापस चले गए.

बस ये बोले- मुझे बहुत काम है, अब मैं निकल रहा हूँ.


उनके जाने के बाद सेजल ने अंगड़ाई ली और मुझे देख कर आँख दबा दी.

वह बहुत खुश थी.


मैं प्रारब्ध को समझने का प्रयास कर रहा था कि ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ.

फिर मैंने सेजल से सामान्य बात करना शुरू की.


वह मेरे लिए एक लेटर लाई थी.

उसने मुझे लेटर दिया और कहा- मैं नहाने जा रही हूँ, आप पढ़ लेना.


यह मेरी भूल थी कि मैंने उसे एग्जाम देने अकेली बुलाया था, मुझे उसकी मम्मी को भी बुलाया लेना चाहिए था या उसके पापा से कह देना था कि मैं अपने रूम पर नहीं हूँ … बाहर काम से गया हूँ या बहाना बना देता कि मैं अपने दो साथियों के साथ रहता हूँ. मुझे कुछ भी बहाना बना देना चाहिए था.


खैर … मैंने सेजल का दिया हुआ लेटर पढ़ना शुरू किया.

“हैलो … मैं आपके साथ खुशी से रहना चाहती हूँ. मैं जितने दिन यहां रहूँगी … तब तक आपकी Gf बनकर रहना चाहती हूँ. अगर आपको अच्छा ना लगे, तो मैं गांव जाकर सब भूल जाऊंगी. सिर्फ थोड़े दिन मुझे अपनी Gf बना लो. -आपकी प्यारी सेजल आई लव यू.”


तब मैंने भी सोचा कि चलो इसे अपनी Gf बना ही लेता हूँ.

अब मैं और क्या कर सकता था.


वो नहाकर बाहर आई और बोली- क्या सोचा है?

मैंने कहा- सेजल, देखो ये गलत है, यदि किसी को पता चल जाएगा तो सब कुछ खत्म हो जाएगा.


उसने कहा- मैं किसी को नहीं बताऊंगी आप भी मत बताना.

मैंने कहा- वादा करो!

उसने वादा कर दिया.

वो बहुत खुश हो गई और मेरी बांहों में झूल गई.


मुझे लगा कि ये यहां रही तो अभी ही लग जाएगी.

मैंने कहा- चलो पार्क में घूमने चलते हैं.


उसने हामी भर दी.


हम दोनों पार्क में घूमने गए.

वहां एक कपल किस कर रहा था.


उसने कहा- मुझे ऐसे करना है.

मैंने कहा- रूम में करेंगे.


उधर से मैं जल्दी निकल आया और किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में उसे ले जाने की सोचने लगा.


मैं उसे एक मॉल में ले आया.

उधर मैंने उसके लिए कपड़े खरीद दिए. वो एक लेडीज स्पेशल शोरूम था.


वो मचल गई और अपने लिए उसने पैंटी और ब्रा भी ले लिए.

मैं कुछ नहीं बोला और पैसे देकर आगे बढ़ गए.


अब मैंने उसके साथ खाना खाया और हम दोनों रूम पर आ गए.


मैंने अपनी शर्ट उतारी … तो वो मुझे बड़े प्यार और कामुक नजरों से देख रही थी.

उसने कहा- आपकी बॉडी कितनी मस्त है!


मैंने कहा- हम GF Bf जरूर बने हैं. लेकिन तुम मुझे मामा ही कहना और मैं तुम्हें भानजी ही समझ कर बुलाऊँगा. किसी को पता नहीं चलना चाहिए कि हम दोनों के बीच क्या है?

उसने बड़ी शराफत से सर हिला दिया.


फिर मैंने कहा- तुम घर पर कॉल कर लो. ताकि बाद में तुम्हें फोन न उठाना पड़े.

उसने कॉल किया.


उसके बाद वो मेरे साथ चिपकने लगी.

मैंने सोचा कि इसे कुछ ऐसा कहा जाए जिससे शायद ये मेरे साथ कुछ और करने की न सोचे.


तो मैंने उससे कहा- अगर तुम नहीं मानी तो तेरा ये मामा तेरे रसीले होंठों का रस पिएगा, मना तो नहीं करोगी ना!

उसने हंस कर कहा- अरे वाह my लव आप तो बड़ी जल्दी पटरी पर आ गए. मैं आपकी ही हूँ, आप जो करना चाहते हो … मेरे साथ कर सकते हो.


मैंने कहा- तू नहीं कर पाएगी.

उसने कहा- क्यों … इधर सिर्फ हम दो ही तो हैं. आप कुछ भी कर सकते हैं कोई नहीं आएगा और कोई कुछ नहीं देखेगा.


अब मैंने भी सोचा कि माँ पेलाने गया मामा भानजी का रिश्ता. आज इसका मजा ले ही लेता हूँ. जो होगा, देखा जाएगा.


ऐसा सोचते ही मेरे अन्दर हिम्मत आ गई.

अब मैंने उसे एक जवान लड़की की तरह देखना शुरू किया.


मेरी भानजी सेजल का फिगर रसीला का था. वो शायद अभी कुंवारी मुझे डर था कि ये मेरा सात इंच लम्बा पप्पू कैसे लेगी.


वो मेरे करीब आ गई और मुझसे चिपकने लगी.

मैंने भी उसके होंठों को अपने होंठों से चिपका दिया और चूसने लगा.


आह … कितना मीठा रस था उसके होंठों में.

मैं अपने जीवन में पहली बार किसी लड़की के साथ मन से ऐसा कर रहा था.


मुझ पर वासना हावी होने लगी.

धीरे धीरे मैंने उसकी गर्दन पर किस किया. कुछ ही देर में वो काफी गर्म हो चुकी थी.


मैंने उसके ऊपर के कपड़े उतार दिए और ब्रा को खोल दिया.

मेरी कमसिन भानजी के प्यारे से नुकीले दूध बाहर आ गए.

उसके दूध एकदम तने हुए थे और ऊपर के दाने काफी पफी थे.


मैंने गंदी फिल्म बहुत देखी थीं और मुझे उनमें टीन गर्ल की पेलाई देखना बहुत पसंद थीं.


तब मैंने उसके दोनों को बहुत चूसा. उसके मुँह से कामुक आवाज में ‘ऊ … ऊ … आह.’ जैसी आवाजें निकाल कर मेरे अन्दर वासना भर रही थीं.


जल्द ही मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.

उस छोटी सी चिड़िया के ऊपर अपनी जीभ रख दी.

जैसे ही मैंने अपनी भानजी की गुलाबी चिड़िया पर अपनी जीभ रखी, उसने जोर से ‘आह अह …’ किया.


कुछ देर बुर चाटने के बाद मेरी आँखों में किसी भेड़िये सी चमक आ गई थी और मैं अपनी भानजी की चिड़िया फाड़ने के मूड में आ गया था.


मैंने अपना पैंट निकाला और अंडरवियर उतार दिया.

अब उसकी नजर जैसे ही मेरे फनफनाते हुए पप्पू पर गई, ऐसा लगा मानो उसने अजगर सांप को देख लिया हो.

वो बोली- मामा, आपका तो काफी बड़ा है.


मैंने उसके मुँह से इतनी देर में पहली बार मामा शब्द सुना था.

तब मैंने अपने पप्पू को सहलाते हुए कहा- इसलिए तो मैं मना कर रहा था कि मेरी GF मत बन … मगर तुझे तो प्यार का भूत चढ़ा था न. अब तो तुझे इस अजगर को अपने बिल में लेना ही पड़ेगा.


मेरी भानजी अभी कुछ बोल पाती कि मैंने उसके बाल पकड़े और उसका मुँह में अपना पप्पू में घुसा दिया. मैं पप्पू अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगा.

उसके मुँह में से लार निकल रही थी.


अब मैंने ज्यादा देर नहीं लगाई और उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी चिड़िया से पप्पू को सटा दिया.


उसकी चिड़िया को मैं अपने पप्पू से रगड़ने लगा और मैंने घुसाने की ट्राई भी की.

लेकिन पप्पू अन्दर नहीं घुसा.


कुछ देर चिड़िया की फांकों को पप्पू के सुपारे से चिकना करने के बाद मैंने एक जोर का धक्का दे दिया.


मेरा आधा पप्पू उसकी चिड़िया को चीरता हुआ अन्दर घुस गया.

सेजल जोर से चिल्ला उठी- उई मां … ओह … मर गई!


अब वह ‘प्लीज प्लीज छोड़ दो मुझे मामा आह मत करो …’ कह रही थी और उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.


मैंने पूरा पप्पू उसकी चिड़िया के अन्दर घुसा दिया.

वह अचेत सी हो गई थी और लगातार कराह रही थी.


मैंने ये देख कर अपना पप्पू बाहर निकाल लिया.

उसकी चिड़िया से खून निकल रहा था.


दस मिनट मैंने तक कुछ नहीं किया.

फिर मैंने उसे समझाया- तूने कहा था ना कि मैं जो चाहे कर सकता हूँ.


वो इतनी ज्यादा पागल थी कि उसने एक बार भी ये नहीं कहा कि अब रहने दो मामा.

वो हंस कर बोली- अब कर दो, मैं कुछ नहीं कहूँगी.


मैंने फिर से पप्पू घुसाया.

वो कराह रही थी मगर पेलने दे रही थी.

मैं भी उसको पेल रहा था.


थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ और वो मुझसे बोलने लगी- आई लव यू जान … आपने मेरा सपना पूरा कर दिया. मैं आपकी हूँ.


मैं अपनी भानजी को पेल रहा था और भाग्य को सराह रहा था कि यदि इसको न पेलता तो शायद जीवन में इससे अच्छा मौका नहीं मिलता.


मेरी भानजी पूरे मजे से अपने मामा का पप्पू अपनी चिड़िया में ले रही थी.

मैंने दो बार सेजल की पेलाई की और हम दोनों ही लिपट कर सो गए.


अगले दिन उसका एग्जाम था.

उसने दो दिन पेपर दिए.

फिर दो दिन की छुट्टी थी.


मैंने मेडिकल स्टोर जाकर दर्दनाशक स्प्रे लिया.


तब मैंने सेजल से कहा- आज रात को मैं तुम्हें प्यार से पेलूगा.

उसने हंस कर कहा- आपने जैसे कल किया था, वैसे ही करना. मुझे दर्द बहुत हुआ था लेकिन वो दर्द दुबारा अनुभव करना चाहती हूँ. मैं चाहे जितना चिल्लाऊँ, आप अपना काम करते रहना.


मैंने सोचा कि ये लड़की बड़ी दमदार है.

मैं बहुत खुश हुआ और मैंने उससे कहा- ओके अब तुम कुछ भी कहोगी, मैं नहीं रुकूंगा.


उसने टॉप और स्कर्ट पहना था.

मैं बाथरूम में गया और सारे कपड़े उतार कर पप्पू धोकर और उस पर स्प्रे लगा कर बाहर आ गया.


मेरा पप्पू तनतना रहा था. वो मुझे देखती रही.

मैंने उसके मुँह को बेड के किनारे पर रखा और अपना पूरा पप्पू डाल दिया.


अब मैं उसके मुँह में पप्पू को अन्दर बाहर कर रहा था. वो पप्पू को बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मैं नहीं रुका. उसके मुँह से लार निकल रही थी और वो गों गों करने लगी थी.


मैंने पप्पू बाहर निकाला और उसको डॉगी स्टाईल में कर दिया. आगे से थोड़ी देर के लिए फिर से पप्पू को उसके मुँह में दिया और बाद में पीछे से पप्पू चिड़िया पर सैट कर दिया.

उसकी कमर पकड़ कर मैंने एक ही झटके में पूरा पप्पू अन्दर पेल दिया.

मैंने उसकी एक ना सुनी. मैंने उसको उस रात कई बार पेला


सुबह उसको बुखार आ गया.

मैंने उसको दवा दे दी.


अब हम दोनों बात करने लगे.


मैंने कहा- मेरी GF बनना आसान नहीं है भानजी!

वो बोली- मामा, आपने तो भानजी को रखैल बना दिया.


मैंने कहा- तूने ही तो कहा था.

उसने कहा- मैं आपकी रखैल बनना पसंद करूंगी लेकिन मैं जब भी कहूँ, मुझे हचक कर पेल देना. मगर इतनी बेदर्दी से मत पेलना कि आपकी भानजी को बुखार चढ़ जाए. आपका पप्पू बहुत विनाशकारी है.

मैंने हंस कर कहा- अभी तो केवल चार दिन ही हुए हैं, अभी तो सोलह दिन बाकी हैं. तुम्हारी चिड़िया को कुंआ बना दूंगा और पिछवाड़े को गड्ढा.


वह घबराई सी दिखने लगी, उसके चेहरे पर डर दिख रहा था.

मैंने कहा- चिंता मत करो, इतना जोर से नहीं पेलूगा.

वह हंस दी.


मैंने कहा- चलो … अपनी पैंटी निकाल लो.

उसने कहा- कल करेंगे.

मैंने कहा- तू अभी निकाल … वरना वापिस फ़ाड़ दूंगा.


उसने निकाली.

मैंने देखा तो उसकी चिड़िया और पिछवाड़ा फट चुका था 


मैंने उसे चाटा और मेडिसिन लगा दी और कहा- अब सो जा.

उसने कहा- पेलगे नहीं?

मैंने कहा- ऐसा कैसे हो सकता है, जरा रुक जाओ.


वो उस पूरी रात बिना कपड़ो के मेरी बांहों में सोई.

अगले दो तीन दिन उसके पेपर थे.


अब कुछ दिन और बचे थे.

उसने कहा- आपकी जान अब कुछ ही दिन की मेहमान है, आपको ऐसा मौका नहीं मिलेगा.


मैंने कहा- मैंने तेरे दूध और पिछवाड़ा कितना बड़ा हो गया है कोई देखेगा तो झट से समझ जाएगा कि सेजल पप्पू का मजा लेकर आई है.

वो हंस दी.


मैनें उसको किस किया और उसकी चिड़िया और पिछवाडे में दर्द निवारक स्प्रे डाल दिया.


उसने मेरा पप्पू मुँह में ले लिया और चूसने लगी.

मैंने फिर उसे पूरी रात अलग अलग पोज में पेला.


वो पूरे मजे ले रही थी.

अब वो चली जाने वाली थी.


मैंने रात को बार बार पेला 

स्प्रे के कारण उसको दर्द कम हो रहा था.


उसके पिछवाड़े में दो इंच मोटा छेद बन गया था.

मैंने उसके पीछे के छेद में नारियल का तेल डाला और पेला तो बड़ी मधुर आवाज आ रही थी.


पट पट

उसके मुँह से ‘आह आह्ह्ह्ह ओओ …’


फिर वो चली गई.

दो तीन महीने बीत गए.


हमारी बात व्हाट्सएप और फोन पर ही होती थी.


मैंने सेजल को बहुत मिस किया.

फिर मेरा प्रमोशन हो गया और मैं अमेरिका चला गया.


अब तो उससे बात किए दो ढाई साल हो चुके थे. मैंने उससे बात करने की बहुत कोशिश की, लेकिन सम्पर्क ही नहीं हुआ.


फिर जब मैं भारत आया और अपने घर गया, तो सेजल को देखा.

वो बहुत बड़ी हो चुकी थी.


मुझे देख कर खुश हो गई. मैंने उससे नम्बर लिया और फिर से बात करनी शुरू कर दी.

उसके साथ मैंने आगे भी बहुत मजे किए और बहुत बार पेलते समय सेजल को रोना पड़ा.


यह कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट करना ना भूलें. 


वो चिल्लाती हुई आगे को सरक गई. पप्पू निकल गया.

मैंने वापिस डॉगी बनाया और अब मैंने उसके बाल पकड़ कर फिर से पप्पू घुसाया.


वो आह आह करती रही, लेकिन मैं नहीं रुका. मैं जोर जोर से पेलाता रहा.

उसका पिछवाड़ा बड़ा मस्त लग रहा था मैंने उसे बिना बताए उसके पिछवाड़े पर पप्पू रखकर जोर से धक्का दे मारा.


उसकी आंखों से आंसू आ गए और वो मना करने लगी- प्लीज छोड़ दो!


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