पड़ोसन आंटी ने बियर पी के पेलाई करवाई
मैं राज शर्मा … मेरी उम्र 28 साल, पप्पू 7″ 3″ कद 5’4″ आपका स्वागत है मेरी नयी कहानी में! मैं लाया हूं आपके सामने अपनी एक और सच्ची कहानी! देसी आंटी को पेलने की कहानी तब की है जब मैं गुड़गांव में रहता था, एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था.
मैं जिस बिल्डिंग में रहता था, उस में एक अंकल और आंटी भी किराए पर रहने आये.
एक दिन मेरी नज़र आंटी पर गयी. मस्त भरे दूध. उभरा हुआ पिछवाड़ा देखकर बुड्ढा भी पप्पू खड़ा कर ले.
मेरा भी पप्पू खड़ा होने लगा.
मैं अपने रूम में आ गया लेकिन उसका बदन जैसे मेरे सामने था
मेरा पप्पू खड़ा हो गया और मैंने धीरे धीरे सहलाना शुरू कर दिया.
उसे याद करके पप्पू हिलाने लगा और झटके मारने लगा थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया.
अब मैं सोचने लगा की आंटी को कैसे इसको पेला जाए.
फिर मैंने धीरे धीरे उनसे नजदीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया और हमारी दोस्ती हो गयी.
एक दिन मैं कम्पनी ऑफिस से रूम पर आया.
तभी अंजुमन आंटी ने आवाज़ दी.
मैं रूक गया.
वो बोली- राज, रात का खाना मेरे रूम में खा लेना आज. मैंने अंडे बनाए हैं.
मैं बोला- हां आंटी, ठीक है.
और मैं अपने रूम में आ गया.
मैं बहुत खुश था कि देसी आंटी को पेलने का मौक़ा मिल सकता है.
मैंने तुरंत एक प्लान बनाया.
मैं बाजार गया, 4 बोतल बीयर, कंडोम और पेलने की गोलियां लाया.
मैंने लोवर के अंदर अंडरवियर नहीं पहना और पूरी तैयारी से नीचे आ गया.
नीचे आया तो देखा अंजुमन आंटी भी दुल्हन के जैसे तैयार थी.
मैंने पूछा- आंटी, कहीं शादी में जा रही हो क्या?
और मैं मन ही मन दुखी हो गया कि आज का प्लान बेकार हो गया.
वो बोली- नहीं, आज मेरा जन्मदिन है. लेकिन तेरे अंकल काम से नोएडा गये हैं.
और वो रोने लगी.
मैंने मौका देखकर उनको गले लगाया और बोला- आंटी, आप रोना बंद करो. मैं मनाऊंगा आपका जन्मदिन!
और मैं जल्दी से केक लेके आया.
आंटी ने केक काटा, मुझे खिलाया और मैंने उनको!
उन्होंने एकदम से मुझे अपने सीने से लगा लिया और बोली- थैंक्स राज!
मैंने कहा- पार्टी तो बाकी है.
और मैंने बैग से बीयर निकाली.
पहले आंटी मना करने लगी लेकिन मेरे बोलने से मान गयी.
हमने 2 बोतल खाली कर दी.
अब आंटी को नशा होने लगा. मैंने धीरे से गोली निकाली और पैग मैं डाल दी और वो गटागट पी गयी.
थोड़ी देर में गोली ने अपना काम शुरू कर दिया.
फिर एक गोली मैंने खा ली तीसरी बोतल भी खाली कर दी.
अब आंटी के बदन में आग जलने लगी, आंटी बोली- राज, मेरा गिफ्ट कहां है?
मैं चुप हो गया क्योंकि जल्दी जल्दी में गिफ्ट लाना भूल गया था.
मैं चुप था तो वो बोली- क्या हुआ?
तो मैं बोला- गिफ्ट कल मिल जाएगा. क्या चाहिए बोलो?
वो बोली- आज जन्मदिन है तो गिफ्ट भी आज लूंगी.
मैंने एकदम से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गये.
वो बोली- ये नहीं … मुझे मेरा गिफ्ट चाहिए.
और एकदम से लोवर के उपर से ही पप्पू को पकड़ कर बोली- दो मेरा गिफ्ट!
मैं चौंक गया और कुछ ना बोला.
उसने मेरे लोवर के अंदर हाथ डाल दिया.
जैसे ही उसने मेरे पप्पू को अपने हाथ में लिया, मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा और मैंने उसके दूध दबाने शुरू कर दिए; उसकी साड़ी अलग कर दी और उसको लेकर बिस्तर में आ गया.
#Kirthi Suresh |
अब आंटी के दूध बाहर आने को बैचेन थे. तो मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा अलग किये तो उसके पके हुए आम मेरे हाथ में आ गये और मैं चूसने लगा.
वो भी धीरे धीरे मेरे पप्पू को सहलाने लगी.
उसने मेरी लोवर उतार दी और मेरे पप्पू से खेलने लगी.
मैं उठा और उसकी छाती पर बैठ गया और पप्पू को उसके होंठों पर रगड़ने लगा.
उसने पप्पू को तुरंत मुंह में लिया और लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी जैसे वो बहुत दिनों से प्यासी ही हो.
और मैं झटके मारके उनके मुंह में पेलने ने लगा. वो भी पप्पू को लोलीपॉप के जैसे मस्त हो कर चूस रही थी.
अब हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे.
मेरे शरीर में अकड़न हुई और पप्पू का पानी निकल गया. उसने गटागट करके पी लिया.
मैं थोड़ी देर पप्पू मुंह में डाले लेटा रहा.
उसके बाद मैं उठा और उसका पेटीकोट उतारा तो उसने भी पैंटी नहीं पहनी थी.
आंटी की चिड़िया बिल्कुल चिकनी थी जैसे उसने आज ही बाल साफ़ किए हों.
मैंने बिना देर किए अपने होंठ उसकी मखमली गुलाबी चिड़िया पर रख दिए और मैं धीरे धीरे चाटने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी.
मैंने जैसे ही जीभ घुसाई, वो चिल्लाने लगी.
अब मैंने जल्दी जल्दी जीभ चलाना शुरू कर दिया.
वो मचलने लगी, बोली- राज, मेरी चिड़िया को खा जा! ये तेरे लिए कब से तड़प रही थी.
मैं चौंक गया.
अब मेरा जोश दुगुना हो गया और जोर जोर से आंटी की चिड़िया चाटने लगा.
वो उईई आआहह सीईई की आवाज निकालने लगी.
थोड़ी देर बाद अंजुमन आंटी की चिड़िया से नमकीन पानी निकलने लगा तो उसे मैं पी गया.
फिर मैं उठा और कंडोम निकाला.
आंटी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- राज, आज मेरा जन्मदिन है आज मेरी चलेगी.
उन्होंने कंडोम वापस रखवा दिया.
वो बोली- पूरे 7 माह हो गये मेरी चिड़िया में पप्पू नहीं गया. मैं कब से तड़प रही थी लेकिन मौका नहीं मिला. उस दिन जब तुम अपने कमरे में मेरा नाम लेकर हिला रहे थे तो मेरा मन किया था कि मैं आ जाती. पर डरती थी. आज मौका मिला है.
इतना बोलकर आंटी पप्पू चूसने लगी.
अब मेरे पप्पू में करंट दौड़ने लगा.
मैं उससे बोला- कंडोम तो लगाने दो.
वो बोली- नहीं.
मैं भी क्या करता!
मैंने कहा- रूको, और पप्पू में केक लगाया
आंटी उसे मुंह में लेकर चूसने लगी और पूरे पप्पू को गीला कर दिया.
आंटी को लिटाकर मैंने उनके पिछवाड़े के नीचे तकिया लगाया और चिड़िया पर पप्पू रगड़ने लगा.
वो सिसकारियां भरने लगी और सायराना बोली- राज, आज की रात को यादगार बना दो. अब तड़पाओ नहीं … अपना पप्पू मेरी चिड़िया में घुसा दो.
मैं बोला- आंटीजी, आपने मुझे बहुत तड़पाया है.
तो वो बोली- आंटी नहीं अंजुमन बोलो राज!
मैंने एकदम से झटके में पप्पू को मखमली चिड़िया में घुसा दिया और अंजुमन की चीख और आंसू निकलने लगे.
अब मैंने पप्पू को बाहर किया और एक झटके से पूरा घुसा दिया.
उसकी चीख निकल पड़ी.
मैंने धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और शांत हो गया.
थोड़ी देर बाद जब अंजुमन के शरीर में हरक़त होने लगी तो मैंने पप्पू को चलाना शुरू कर दिया.
अंजुमन ने 7 माह से लिया नहीं था तो उसकी चिड़िया एकदम टाइट थी.
मेरे पप्पू के हर झटके से उसकी सिसकारी तेज़ होने लगी.
अब मैं तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
अंजुमन बोली- पेलो राजा, मेरी प्यासी चिड़िया की आज प्यास मिटा दो.
मेरे पप्पू को और जोश आ गया.
पूरे कमरे में फच्च फच्च की आवाज होने लगी.
अंजुमन का चीख के साथ पानी निकल गया. मेरा पप्पू गर्म पानी से और टाइट हो गया.
अब मैंने उसे अपने पप्पू पर बैठने को कहा.
उसने पप्पू को अपने मुंह में लेकर थूक से गीला कर दिया और वो मेरे पप्पू पर आ गई.
जैसे ही उसने चिड़िया को पप्पू पर रखा, पप्पू सट्ट से अंदर घुस गया और अंजुमन की चीख निकल पड़ी.
मैंने बिना रूके झटके मारने शुरू कर दिया.
वो बोली- राज फ़ाड़ दे मेरी चिड़िया!
और पप्पू पर उछलने लगी.
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और आआहह उईई आआहह की आवाज तेज हो गई.
मेरे दोनों हाथ उसके दूध पर थे और वो पप्पू के घोड़े पर सवार होकर जन्नत पहुंच गई थी.
आंटी की चिड़िया ने पानी छोड़ दिया और मेरा पप्पू गर्म पानी से भीग गया; फच्च फच्च की आवाज होने लगी.
गोली के असर से मेरे पप्पू ने पानी नहीं छोड़ा.
अंजुमन पप्पू मुंह में लेकर चूसने लगी और पप्पू को तैयार करके घोड़ी बन गई.
मैंने उसकी मखमली चिड़िया में थूक लगाया और पप्पू डालकर पेलने लगा.
आंटी बोली- राज, यह मेरी लाइफ का सबसे अच्छा गिफ्ट है.
मैं खुश हो गया और पप्पू को तुरंत चौथे गियर में डाल दिया और फुल स्पीड से उसकी पेलाई करने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने अंजुमन को बेड पर लिटा दिया और उसकी टांगों को अपने कंधे पर रख दिया. फिर मैंने चिड़िया में पप्पू घुसा दिया और धीरे धीरे झटके मारने लगा.
अब दोनों थकने लगे थे, उसने नीचे से पिछवाड़ा चलाना शुरू कर दी. दोनों की सिसकारियों से कमरा गूंजने लगा और सांसें तेज होने लगी.
मैंने कई औरतों, लड़कियों को पेला लेकिन जो मजा आज अंजुमन ने दिया, ऐसा कभी नहीं मिला.
अब अंजुमन के पैर नीचे कर दिए और मैं ऊपर आ गया.
आज मेरा पप्पू झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.
अंजुमन ने फिर से पानी छोड़ दिया मैंने भी झटकों की रफ्तार बढ़ा दी मैं तो जैसे स्वर्ग में था.
अब धीरे धीरे मेरे शरीर में अकड़न होने लगी.
मैं बोला- अंजुमन, मेरा निकलने वाला है.
तो वो खुश हो गई और उसने अपना पिछवाड़ा चलाना शुरू कर दिया
आंटी बोली- राज अंदर पानी छोड़ना!
और उसने मुझे कसकर अपनी बांहों में भर लिया और हम दोनों जोर जोर से झटके मारने लगे.
एकदम से मेरी आंखें बंद होने लगी और पप्पू से पानी निकला और अंजुमन की चिड़िया भर गई.
फिर हम दोनों वैसे ही पड़े रहे, दोनों को बहुत खुशी थी क्योंकि दोनों को आज जन्नत का मज़ा मिला.
हम दोनों एक साथ बाथरूम गये और मैं उसको गोद में लेकर वापस आया.
उस रात हमने 4 बार पेलाई की.
फिर जब भी हमें मौका मिलता हम दोनों एक हो जाते.
मैंने आंटी का पिछवाड़ा भी मारा था वो फिर कभी अगली कहानी में बताऊंगा !
कहानी कैसी लगी कमेंट करके बताओ
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